राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जी के द्वारा इंदिरा गांधी शहरी क्रेडिट कार्ड योजना का शुभारंभ किया गया है। इस योजना के माध्यम से कोरोनावायरस संक्रमण के कारण बेरोजगार हुए छोटे व्यापारियों, वेंडर्स थड़ी ठेला व्यापारियों एवं असंगठित क्षेत्र में सेवाएं प्रदान करने वाले नागरिको को ₹50000 तक का ऋण उपलब्ध करवाया जाएगा। जिससे कि छोटे व्यापारी आर्थिक संकट का सामना कर सके। राजस्थान के वित्त विभाग द्वारा परिपत्र भी इस योजना के संचालन के लिए जारी किया गया है। इस योजना के अंतर्गत बेरोजगार युवाओं को आर्थिक संबल प्रदान किया जाएगा। इसके अलावा इस योजना के माध्यम से लॉकडाउन के कारण अनौपचारिक व्यापार पर पढ़े दुष्प्रभाव को कम किया जा सकेगा।
जैसे कि आप सभी लोग जानते Shehri Credit Card Yojana को शहरी क्षेत्र में रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाने के लिए आरंभ किया गया है। इस योजना के अंतर्गत शहरी क्षेत्र के रेहड़ी पटरी वाले तथा सेवा क्षेत्र के बेरोजगार युवाओं को गारंटी मुक्त ऋण मोहया करवाया जाएगा। यह लोन ₹50000 रुपए का होगा। 16 अगस्त 2021 को राजस्थान सरकार द्वारा इस योजना के प्रारूप का अनुमोदन कर दिया गया है। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जी के द्वारा इस योजना के प्रारूप को मंजूरी भी प्रदान कर दी गई है। इस योजना को आरंभ करने की घोषणा इस वर्ष के बजट में कोरोनावायरस संक्रमण को देखते हुए रोजगार, स्वरोजगार एवं रोजमर्रा की जरूरतों के लिए वित्तीय संसाधन उपलब्ध करवाने हेतु की गई थी।
जिले में इंदिरा गांधी शहरी क्रेडिट कार्ड योजना का नोडल अधिकारी जिला कलेक्टर होगा। उपखंड अधिकारी द्वारा लाभार्थियों का सत्यापन किया जाएगा। इस योजना के अंतर्गत आने वाला खर्च राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। लाभार्थी द्वारा क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड के माध्यम से ऋण की राशि की निकासी एक या एक से ज्यादा किस्तों में 31 मार्च 2022 तक की जा सकती है। ऋण की राशि का भुगतान चौथे से 15 महीने में 12 सामान किस्तों में किया जाएगा। Shehri Credit Card Yojana के अंतर्गत लाभार्थी से ऋण प्रदान करने के लिए कोई भी प्रक्रिया गत शुल्क की वसूली नहीं की जाएगी। लगभग 5 लाख नागरिकों को पहले आओ पहले पाओ के आधार पर ऋण उपलब्ध करवाया जाएगा।
इस योजना के अंतर्गत अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, लघु वित्त बैंक, सहकारी बैंक और गैर बैंकिंग वित्त कंपनी द्वारा ऋण उपलब्ध करवाया जाएगा। लाभार्थियों की पहचान जिला स्तर पर स्थानीय शहरी संकाय द्वारा वेंडर को जारी किए गए प्रमाण पत्र के आधार पर की जाएगी।